Depression
:डिप्रेशन : शहरयार साहब की एक मशहूर नज़्म "सीने में जलन आँखों में तूफान सा क्युँ है , इस शहर में हर शख्स परेशान सा क्युँ है।" आप सोच रहे होंगे की अजीब किस्म का इंसान है पहला ब्लॉग लिखा वो भी दुःख भरे विषय पर। पर क्या करूँ जहाँ भी देखता हूँ वहां अंदर से बैचेन , परेशान , अकेलेपन के शिकार , नाराज , चिड़े हुए , ग़ुस्से से भरे लोग नज़र आ जाते है। बची-खुची कसर हर रोज समाचार पत्रों एवं न्यूज़ चैनल में आये दिन आत्म हत्या , दंगा- फसाद , तोड़फोड़ की खबरे पूरा कर देती है। एक बात जो की डॉक्टर्स एवं दुनिया की बड़े बड़े विश्वविद्यालयो द्वारा की गयी रिसर्च से साबित होती है की सुखी एवं समपन इंसान को आप आसानी से गुस्सा नहीं दिला सकते आपको बहुत मेहनत करके उसकी कमजोरी का पता कर उस कमजोरी पर बार - बार वार करना पड़ेगा। ठहरे हुए पानी में सुनामी लाने के लिए आपको उसकी जड़ में जाकर भूकंप लाना पड़ेगा वरना उसमे पत्थर फेकने से सिर्फ कुछ तरंगे ही पैदा होगी जो किसी बच्चे क...